चिन्मय मुद्रा
- इस मुद्रा में अंगूठा और तर्जनी चिन मुद्रा की तरह एक दूसरे को स्पर्श करते हैं, शेष उंगलियाँ मुड़कर हथेली को स्पर्श करती हैं।
- हाथों को जाँघो पर हथेलियों को आकाश की ओर करके रखे और लंबी गहरी उज्जयी साँसे लें।
- एक बार फिर साँस के प्रवाह और शरीर पर इसके प्रभाव को महसूस करें।
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