पद्मासन


पद्मासन

- इस आसन को साफ-स्वच्छ, शांत व हवादार जगह पर करें जिससे की ध्यान भंग न हो। इस आसन को चटाई या दरी बिछाकर या हरी घास पर भी कर सकते हैं।

- पद्मासन के लिए चटाई दरी या घास पर आसन लगाकर बैठ जाएं। फिर अपने बाएं पैर को घुटनों से मोड़कर दाईं जांघ पर रखें और दाएं पैर को घुटनों से मोड़कर बाईं जांघ पर रखें।

- दोनों पैरों को इस प्रकार से रखें कि दोनों पैरों की एड़ियां पेट को छुएं। आपकी दोनों जांघ और घुटने जमीन से लगे रहें।

- इस स्थिति में आने के बाद अपनी पीठ, छाती, सिर, गर्दन तथा रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधा रखें। दोनों हाथों को घुटनों के पास लगाकर ज्ञान मुद्रा बनाएं। (ज्ञान मुद्रा के लिए अंगूठे को तर्जनी अंगुली के नाखून से मिलाते हुए बाकी तीन अंगुलियों को फैलाकर रखें)।

- अब अपनी आंखों को बंद कर लें या खुली या अधखुली रखें। इस स्थिति में चिंतन या मनन किया जा सकता है। आरम्भ में पद्मासन की स्थिति 5 से 10 मिनट तक रखें। बाद में यह समय धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 1 घंटे तक इस आसन को करें।

पद्मासन में पूर्ण रूप से बैठने के बाद अपने मन को एकाग्र करें और अपने अंदर के चक्रों को जगाएं तथा कल्पना करें कि आप के अंदर के बुरे विचार दूर होकर आपके हृदय व मन में स्वच्छ, शांत व सुगंधित वायु का प्रवाह हो रहा है।

0 comments:

Post a Comment