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शवासन
- शवासन को करने के लिए अपने मन को तनाव व चिंता मुक्त रखना चाहिए।
- इस आसन को जहां शांत स्थान तथा स्वच्छ हवा का बहाव हो, वहां करें। इसके लिए फर्श पर चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद पूरे शरीर को सीधा रखते हुए पूरे शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। शरीर के किसी भी भाग में कोई हलचल न हो ऐसी स्थिति बनाएं।
- दोनों पैरों के बीच 45 से 60 सेंटीमीटर तक की दूरी रखें। अब दोनों हाथों को दोनों बगल में सीधा रखें व हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। इस स्थिति में आने के बाद अपनी आंखों को बंद कर लें। 10 मिनट तक आंखों को बंद रखें।
- 10 मिनट के बाद आंखों को खोलकर कुछ सैकेंड तक रुके और पुन: आंखों को बंद कर लें। इस तरह से इस क्रिया को 3 से 4 बार करें। इस क्रिया में सांस लेने व छोड़ने की गति को सामान्य रखें।
- इसको करते समय अपने मन व मस्तिष्क को बिल्कुल खाली रखें और मन में अच्छे स्थानों के बारे में कल्पना करके तथा आनन्द मय होकर इस आसन को करें।
- इस आसन से अधिक लाभ के लिए आप इस आसन के साथ अन्य क्रिया भी कर सकते हैं जैसे- आसन को करते समय आंखों को बंद करने व खोले की क्रिया खत्म हो जाने के बाद अपनी आंखों को खोलकर अपने पूरे शरीर को देखने की कोशिश करें।
- इस क्रिया में पहले सिर की ओर, फिर पैर की ओर, फिर दाईं ओर व बाईं ओर देखकर दुबारा आंखों को बंद कर लें। आंखों की इस क्रिया को धीरे-धीरे करें।
- यह क्रिया 2-3 बार करें। अब मुंह को पूरा खोलकर अपनी जीभ को मुंह के अंदर की तरफ मोड़े जिससे जीभ का अगला भाग कण्ठ के पास तालु तक पहुंच जाए। इसके बाद अपने मुंह को बंद कर लें।
- 10 सैकेंड तक इसी स्थिति में रहने के बाद मुंह को खोलकर जीभ को सामान्य अवस्था में ले आएं। इस तरह से इसे 2-3 बार करें। अब आंखों को बंद करके पुन: पहले की तरह ही अपने मन के द्वारा पूरे शरीर को देखें और महसूस करें कि आपका पूरा शरीर आराम कर रहा है।
- इस क्रिया में आंखों को बंद करके पैरों के अंगूठे से लेकर धीरे-धीरे सिर तक के भाग को देखें और मन में यह सोचे कि आपके शरीर के सभी अंग आराम कर रहे हैं।
- जब आप यह जान लें कि आपका पूरा शरीर आराम कर रहा है तो अपने मन को आराम देने के लिए किसी दर्शनीय स्थान, पर्वत, वन आदि की कल्पना करें और अपनी कल्पनाओं को अन्त:चक्षु (मन) से देखने की कोशिश करें तथा इसमें आनन्द का अनुभव करें।
- जब आपका शरीर व मन आराम कर लें तब अपने दायें हाथ को उठाकर हथेली को पेट के ऊपर रखें तथा नाक के दोनों छिद्रों से धीरे-धीरे गहरी सांस लें। फिर सांस को धीरे-धीरे ही छोड़े।
- सांस लेते समय पेट बाहर की ओर तथा अंगुलियों को मिलाकर रखें और सांस छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर लें तथा अंगुलियों को अलग करके रखें। यह क्रिया लगातार 3 से 5 मिनट तक करें।
- इसके बाद अपने हाथ को पेट से हटाकर नीचे रख दें। इस आसन को करने के बाद नींद पर काबू पाते हुए 10 से 15 मिनट तक आराम करें तथा शरीर में कोई प्रतिक्रिया किये बिना ही लेटे रहें। यह आसन शरीर तथा मन को पूर्ण आराम देता है।
- मन को आराम देते समय मन पर नियंत्रण रखें तथा मन में भी बाहरी विचार जैसे- शोक, भय, लोभ, क्रोध, चिंता आदि को न आने दें।