नौकासन
- इस आसन के अभ्यास के लिए जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को आपस में नमस्कार की स्थिति में जोड़कर सिर की सीध में आगे की ओर करके रखें। एड़ियों व पंजों को मिलाकर व तानकर रखे।
- अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे पैर तथा शरीर के अगले हिस्से को जितना सम्भव हो ऊपर उठाएं। इस तरह शरीर को इतना उठाएं कि शरीर का पूरा भार नाभि पर रहें तथा पैर व सिर ऊपर की ओर रहें।
- इस स्थिति में शरीर का आकार ऐसा हो जाना चाहिए, जैसे किसी नाव का आकार होता है। इसके बाद पहले हाथों को हिलाएं फिर पैरों को भी हिलाएं।
- परंतु शरीर का आकार नाव की तरह ही बनाएं रखें। सांस को जितनी देर तक अंदर रोक सकते हैं, रोक कर इस स्थिति में रहे और फिर शरीर को धीरे-धीरे नीचे सामान्य स्थिति में लाकर सांस को छोड़ते हुए पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। इस तरह से इस क्रिया को 3 बार करें।
0 comments:
Post a Comment