वीरभद्रासन


वीरभद्रासन

- पैरों को ३ से ४ फुट की दूरी पर फैला कर सीधे खड़े हो जाएँ।

- दाहिने पैर को ९०° और बाएँ पैर को १५° तक घुमाएँ।

- जाँच करें- दाहिना एड़ी बाएँ पैर के सीध में रखें।

- दोनों हाथों को कंधो तक ऊपर उठाएं, हथेलिया आसमान की तरफ खुले होने चाहिए ।

- जाँच करें- हाँथ जमीन के समांतर हो।

- साँस छोड़ते हुए दाहिने घुटने को मोड़े।

- जाँच करें- दाहिना घुटना एवं दाहिना टखना एक सीध में होना चाहिए। घुटना टखने से आगे नहीं जाना चाहिए।

- सर को घुमाएँ और अपनी दाहिनी ओर देखें।

- आसन में स्थिर हो कर हाथों को थोड़ा और खीचें।

- धीरे से श्रोणि(पेल्विस) को नीचे करें. एक योद्धा की तरह इस आसन में स्थिर रहें और मुस्कुराते रहें। नीचे जाने तक साँस लेते और छोड़ते रहें।

- साँस लेते हुए ऊपर उठें।

- साँस छोड़ते वक्त दोनों हाथों को बाजू से नीचे लाए।

- बाएँ तरफ से इसे दोहराएं.( बाएँ पैर को ९०° एवं दाये को १५° तक घुमाये)

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