सर्वांग आसन


सर्वांग आसन

- इस आसन का अभ्यास स्वच्छ व साफ हवादार जगहो पर करें। आसन के लिए नीचे दरी या चटाई बिछाकर पहले पीठ के बल लेट जाएं।

- इसके बाद दोनो पैरों को मिलाकर व पूरे शरीर को सीधा तान कर रखें। अब सांस अन्दर लेकर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं।

- इस क्रिया में पैरों को सीधा रखें। इसके लिए पहले पैरों को ऊपर उठाएं, फिर कमर को ऊपर उठाएं, फिर छाती तक के भाग ऊपर उठा लें।

- इसके बाद अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर कमर पर लगाकर कमर को थामकर रखें। आसन की इस स्थिति में पूरे शरीर का भार कंधों पर रहना चाहिए।

- इस स्थिति में कंधे से कोहनी तक के भाग को फर्श से सटाकर रखें तथा ठोड़ी को छाती में सटाकर रखें। अब पैरों को तान कर ऊपर की ओर खींचकर रखें। इसके बाद शरीर को स्थिर करते हुए इस स्थिति में 30 सैकेंड तक रहें और सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें। धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाकर आसन की स्थिति में 3 मिनट तक रह सकते हैं।

- इसके बाद शरीर को ढीला छोड़कर घुटनों को मोड़कर धीरे-धीरे शरीर को हथेलियों के सहारे से सामान्य स्थिति में ले आएं। इसके बाद 10 सैकेंड तक आराम करें। इसके बाद पुन: इस आसन को करें तथा इस तरह से इस क्रिया को 3 बार करें।

- पूर्ण सर्वागासन करने में कठिनाई हो तो इसके अभ्यास से पहले अर्द्ध सर्वागासन करें।

- आसन के अभ्यास के लिए पहले की तरह ही नीचे दरी या चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनो पैरों को आपस में मिलाकर व तानकर रखें।

अर्द्ध सर्वागासन की विधि-

- आसन के अभ्यास के लिए पहले की तरह ही नीचे दरी या चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनो पैरों को आपस में मिलाकर व तानकर रखें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को ऊपर की ओर उठाएं और घुटनों को मोड़कर जांघ व पिण्डलियों को एक साथ नीचे की ओर झुकाकर रखें।

- अब अपनी कमर, पीठ व छाती को ऊपर उठाकर रखते हुए पूरे शरीर का भार कंधों पर रखें। अपने हाथों से शरीर को सहारा देते हुए हथेलियों को कमर से लगाकर व कोहनी को फर्श से सटाकर रखें।

- अर्द्ध सर्वागासन की इस मुद्रा में 30 सैकेंड तक रहें और श्वासन की क्रिया सामान्य रूप से करते रहें। उसके बाद धीरे-धीरे हाथो के सहारे से शरीर को सामान्य स्थिति में लाएं। अर्द्ध सर्वागासन की इस क्रिया को 4 से 5 बार करें।

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