तुलासन
- इस आसन का अभ्यास स्वच्छ व साफ स्थान पर करें। आसन के अभ्यास के लिए नीचे दरी या चादर बिछा लें।
- आसन के लिए पहले दोनों पैरों को मोड़कर पीछे की ओर कर घुटनों के सहारे बैठ जाएं। पंजों को नीचे करके व एड़ी को मिलाकर रखें।
- अब घुटनों के बीच दूरी रखते हुए दोनों हाथों को दोनों घुटनों के बीच में फर्श से टिकाकर रखें। इसके बाद सांस अन्दर लेते हुए पूरे शरीर का भार दोनों हाथों पर डालें और आगे की ओर झुकते हुए नितम्ब (हिप्स) व पंजे समेत पूरे शरीर को ऊपर उठाएं।
- आसन की इस स्थिति में पूरे शरीर का भार हथेलियों पर रखते हुए शरीर का संतुलन बनाकर रखें। आसन की इस स्थिति में जितनी देर सम्भव हो रहें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- पुन: इस क्रिया को करें और इस तरह से इस क्रिया को 5 बार दोहराएं। इस आसन के पहले अभ्यास में शरीर का पूरा भार हथेलियों पर डालकर आसन को करें, फिर धीरे-धीरे अंगुलियों तथा अंगूठे पर संतुलन बनाकर करें। इस आसन को शुरू-शुरू में करने पर कठिनाई तो होती है, परन्तु प्रतिदिन अभ्यास करने से यह आसन आराम से होने लगता है।
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