गोमुखासन
- पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी-पंजों को मिलाकर बैठे।
- अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें।
- दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रखें।
- इस स्थिति में दोनों जंघाएं एक-दूसरे के ऊपर रखी जाएगी जो त्रिकोणाकार नजर आती है।
- फिर श्वास भरते हुए दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर दाहिने कंधे को ऊपर खींचते हुए हाथ को पीछे पीठ की ओर ले जाएं |
- बाएं हाथ को पेट के पास से पीठ के पीछे से लेकर दाहिने हाथ के पंजें को पकड़े।
- गर्दन व कमर सीधी रखें।
- जब तक आराम से रहा जा सकता है तब तक रहें।
- धीरे- धीरे श्वास छोड़ते हुए हाथों को खोल दें और पुन: दंडासन की स्थिति में आ जाएं।
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